लारे एक गोष्ठी हुई बीकानेर में, शबदा तणी साख, बीयरे मांय मायड़ भाषा रा कई कवि और साहित्कार भेळा हुआ। आ देखर राजी होयो कि आज जद लोग आपरी भाषा ने छोड अर आपरे टाबरों ने हिन्दी सिखावण लाग रया है जद कई लोग इसा भी है जिका लगातार राजस्थानी री सेवा ही को कर रया नी बल्कि बीनै बढ़ावौ देण खातर देस विदेस में कार्यक्रम भी कर रया है। आ बात ठीक है कि हाल राजस्थानी री खुद री कोई लिपी का नी लेकिन भाषा तो है। जिकैने आपरी भावना व्यक्त करनी है बीरे वास्ते मातृभाषा सूं बढकर कोई दूसरी भाषा का हो सके नी।
अबै म्हारो इमैं कांई काम। ना हूं राजस्थानी रो साहित्यकार, ना कवि ना ही राजस्थानी रा नाटक करूं। सई कैउं तो घर में मारवाड़ी बोलनी और रिपोर्टिंग रै दौरान अठैरे लोगों सूं बातचीत में मारवाड़ी आवै। ना तो हूं घणे पढि़यो लिखियो हूं ना म्हनै इरो भैम। फेर तो बस बात इत्ती है कि राजस्थानी नौम सूं एक कम्युनिटी ब्लॉग शुरू कर रयो हूं। इमै बै लोग आमंत्रित है जिका इंटरनेट रै इ माध्यम ता इ भाषा री सेवा कर सके। साथै ही म्हनै ओ लागे कि हाल इंटरनेट और कम्प्यूटर ता सृजन करने वाळों री दूरी है। बीनै भी इ माध्यम ता पाटने रो प्रयास करसूं। जिका लोग इ ब्लॉग में लिखणो तो चावै लेकिन बियोने आ ठा कायनी कि कौंकर लिखीज सी। बिये लोगों ने हूं हरेक टैम उपलब्ध हूं। अगली पोस्ट तक बस इत्तो ईज...
सिद्धार्थ जोशी
09413156400
ईमेल आईडी- imjoshig@gmail.com
सिद्धार्थ जी राजस्थानी भाषा रो प्रसार रो काम घणो चोख्यो लाग्यो ईं तरह ही लाग्या रिज्यो !
ReplyDeleteaapke alakh deep me ek jyoti milkar hum bhi dhany honge.aaj pehli bar hi blog dekha hai or tippani karne ko anguliya apne aap machal rahi hai.
ReplyDeleteagli post ka intjaar rahega
blog par post me itna samay gahatak ho sakta hai.
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